फेब्रुवारी, 2013 नई दिल्ली: स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती आयोजन समिति के तत्वाधान में सोमवार सुबह सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का भव्य आयोजन
किया गया। इस कार्यक्रम में राजधानी के 200 स्कूलों के करीब आठ हजार
विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता
दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त श्री राधेश्याम गुप्ता ने की। इस मौके पर
मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली के अतिरिक्त शिक्षा निदेशक (खेल) पद्मश्री
श्री सतपाल और वक्ता के रूप में प्रसिद्ध साहित्यकार नरेन्द्र कोहली
उपस्थित थे। समारोह में सामूहिक सूर्य नमस्कार के अतिरिक्त विभिन्न
विद्यालयों से आए बच्चों ने आसन के अतिरिक्त पिरामिड निर्माण और शारीरिक
सौष्ठव का प्रर्दान किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से
घोष प्रस्तुत किया गया।
उल्लेखनीय है कि सारे देश में सोमवार को लगभग 80 हजार स्थानों पर
सामूहिक सूर्य नमस्कार किया गया। इसमें करीब 2 करोड़ छात्र-छात्राओं ने
हिस्सा लिया। इसके अतिरिक्त सैकड़ों स्कूलों में भी सामूहिक सूर्य नमस्कार
का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
समारोह में आए बच्चों को सम्बोधित करते हुए महाबली सतपाल ने कहा कि
स्वस्थ रहने के लिए योग जरूरी है। इस प्रकार के कार्यक्रम देश को जोड़ते
हैं। सारी दुनिया के लिए स्वामी विवेकानन्द शक्ति और आध्यात्म का प्रेरणा
स्त्रोत हैं। देश और समाज के उत्थान के लिए ऐसे कार्यक्रमों में हमें
बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए।
श्री नरेन्द्र कोहली ने बच्चों को स्वामी विवेकानन्द से जुड़े कुछ
दृष्टांत बताए। एक दृष्टांत का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि एक दुर्बल
व्यक्ति स्वामी जी के पास गीता के ज्ञान के लिए गया। उसे स्वामी जी ने
गीतापाठ की बजाए फुटबाॅल खेलने की प्रेरणा दी। इसके पीछे उनका मंतव्य था कि
गीतापाठ के साथ शारीरिक शक्ति की भी आवश्यकता है। देश और समाज को चलाने के
लिए शारीरिक दृढ़ता की आवश्यकता है।
श्री कोहली ने लक्ष्य के प्रति एकाग्रता पर बल दिया और कहा कि स्वामी जी
का लक्ष्य स्पष्ट था। यही वजह है कि उन्होंने इतनी कम उम्र में और
संसाधनों के अभाव में सारे विष्व में हिन्दू धर्म की पुर्नस्थापना की।
उन्होंने व्यक्ति के मान-सम्मान से ऊपर राष्ट्र का मान बताया। उन्होंने
अपने बीमार गुरु का झूठा भोजन करके लोगों को छुआछूत का प्रतिकार किया।
इस अवसर पर मंच संचालन मुकेश कुमार ने किया और धन्यवाद ज्ञापन समिति के अध्यक्ष श्री राधेश्याम गुप्ता ने किया।
No comments:
Post a Comment
Thanking you for your Message.