वाराणसी, 12 जनवरी। ‘‘ उठो जागो और लक्ष्य की
प्राप्ति तक मत रुको’’ का सिंहनाद करने वाले राष्ट्रभक्त्त, युवा सन्यासी
स्वामी विवेकानंदजी के जन्म के 150 वें जयन्ती वर्ष का शुभारम्भ 12 जनवरी
2013 शनिवार को काशी के 23 नगरों में झांकिया निकालकर में मनाया गया।
स्वामी विवेकानन्द सार्द्धशती समारोह समिति काशी महानगर ने सार्द्धशती
समारोह के संपूर्ण वार्षिक कार्यक्रमों (12 जनवरी 2013 से 12 जनवरी 2014 )
का श्री गणेश आज काशी में स्वामी विवेकानन्द की जयंती के उपलक्ष्य में भव्य
शोभायात्रा के द्वारा किया। शोभायात्रा कि भव्यता व महत्ता का देखते हुए
इसे 23 स्थानो से प्रारम्भ किया गया। इस अवसर पर स्वामी विवेकानन्द
सार्धशती समारोह के संयोजक ने बताया कि (काशी महानगर उत्तर) स्वामी
विवेकानन्द ने कभी जाति, धर्म, समुदाय के आधार पर मनुष्य में भेद नहीं
किया। स्वामी जी के विचारों से अवगत करवाते हुए उन्होंने बताया कि आपमें
शक्ति होना बहुत आवश्यक है, क्योंकि कमजोर राष्ट्र कभी सर उठाकर नहीं खड़ा
हो सकता इसलिए दुनिया के सामने अपने को सक्षम बनाने के लिए हमें शक्ति
अर्जित करनी चाहिए। उनका यह भी मानना था कि हम भटकी हुए दुनिया के साथ खड़े
होने के लिए नहीं हैं अपितु भटकी हुए दुनिया को सही मार्ग देने के लिए बने
हैं। उन्होंने बताया आज की सभी समस्याओं का हल व्यक्ति के संकल्प पर टिका
है, बुराइयों को समाप्त करने की पहल अपने परिवार से करनी है, ऐसा संकल्प
सभी लेते हैं तो कोई समस्या नहीं रहेगी। उन्होंने बताया कि विवेकानन्द जी
की 150वीं वर्षगांठ का यह वर्ष देश के उत्थान तथा दुनिया को दिशा देने का
महत्वपूर्ण वर्ष होगा तथा भारत जागो विश्व जगाओ के उदगोष को सार्थक करेगा।
शोभायात्राए- काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रांगण
में विशाल युवा शोभायात्रा के माघ्यम से धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संकाय के मैदान
पर अपराह्न 3 बजे शुरू हुआ। इसके पश्चात सिंहद्वार होते हुए सन्त रविदास
गेट होते हुए सिंहद्वार पर समाप्त हुआ। शोभायात्रा में युवाओं ने माथे पर
केशरिया साफा बांधकर गगनभेदी नारे लगाते हुए शहर का वातावरण विवेकानन्दमय
कर दिया। इस अवसर पर हरिशंकर जी ने स्वामी विवेकान्द के वेदान्त दर्शन का
सन्देश दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सरसुन्दरलाल अस्पताल के डा.
गांगुलीजी ने कहा कि स्वामी जी के कर्मयोग को चरित्र में आत्मसात करने की
जरूरत है। इस यात्रा में प्रमुख रूप से डा. विजेन्द्र जी, पवन कुमार, सुनील
कुमार, प्रवीण राय, अनुराग जी, शिवम गुप्त, आलोक रंजन सिंह, प्रणव जी,
सौरभ तिवारी, सुनील शुक्ला, विपुलेन्द्र प्रताप आदि उपस्थित थे। निवेदिता
शिक्षा सदन से भी शोभा यात्रा का प्रारम्भ हुआ। यह यात्रा पाणिनी कन्या
महाविद्यालय, सीलनगर, मड़ुवाडीह, श्रीरामनगर कालोनी होते हुए निवेदिता में
समाप्त हुआ। शोभायात्रा में सैकड़ो की संख्या में माताएं बहिनें,
बालक-बालिकाएं व विभिन्न समाजों के गणमान्य नागरिक सम्मिलित हुए । सम्पूर्ण
यात्रा का मार्ग मं विभिन्न समाजों द्वारा स्वागत अभिनन्दन किया गया।
माधवपार्क कालोनी लंका से भी शोभायात्रा निकाली गयी। इस अवसर पर कार्यक्रम
के नगर संयोजक शशि सिंह, सह सयोजक रामाज्ञा पाण्डेय, विनोद सिंह राठौर, डा.
प्रभाकर द्विवेदी, संजीव चैरसियां, , डा. बच्चा लाल, मणि जी, प्रवीण सिंह,
राजेन्द्र प्रसाद ओझा, मिठाई लाल जी, डा. अनिल सिंह, सुधीर यादव, प्रमोद
जी, अभिशेक प्रताप सिंह, धैर्यवर्धन सिंह, रजनीश सिंह आदि उपस्थित थे।
यात्रा के अन्त में सुप्रसिद्ध चिकित्सक डा. विश्वास वर्मा एवं मधुसूदन
पाण्डेय ने स्वामी जी के जीवन पर प्रकाश डाला। केशव नगर, चितईपुर से यह
शोभायात्रा प्रारम्भ होकर अवलेशपुर, वृन्दावन, सुसुवाही, महामनापुरी,
आदित्यनगर होते हुए पुनः चितईपुर जाकर समाप्त हुई। शोभायात्रा का संयोजन
श्री रामनारायण जी ने किया। यात्रा में प्रमुख रूप से प्रो. उदय प्रताप,
डा. कमलेश, गोपाल जी, रामलाल जी एवं अमरजीत सिंह आदि उपस्थित थे। तिलक नगर
की शोभायात्रा शहीद पार्क, सिगरा, शास्त्री नगर, कमलानगर, भारतमाता मन्दिर
होते हुए शहीद पार्क में समाप्त हुई। शोभायात्रा के अग्रसर स्वामी
विवेकानन्द के स्वरूप में 5 लोग थे । सम्पूर्ण यात्रा का मार्ग मं विभिन्न
समाजों द्वारा स्वागत अभिनन्दन किया गया।
प्रस्तुति: लोकनाथ, 63 माधव मार्केट लंका, वाराणसी- 221005 स्वामी विवेकानन्द सार्धशती काशी महानगर
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