Wednesday, February 20, 2013

काशी महानगर महानगर में 30 हजार युवाओं ने किया सूर्यनमस्कार

18 फ़रवरी, वाराणसी स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती आयोजन समिति के तत्वाधान में रथ सप्तमी पर आज सुबह हजारों युवाओ ने सूर्यनमस्कार कर स्वामी विवेकानन्द को याद किया। इस कार्यक्रम में काशी महानगर एवं वाराणसी जिले के लगभग 70 स्कूलों के करीब 30 हजार विद्यार्थियों ने सूर्यनमस्कार किया।
उल्लेखनीय है कि सारे देश में सोमवार को लगभग 80 हजार स्थानों पर सामूहिक सूर्य नमस्कार किया गया। इसमें करीब 2 करोड़ छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। इसके अतिरिक्त सैकड़ों स्कूलों में भी सामूहिक सूर्य नमस्कार का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
स्वामी विवेकानन्द सार्धशती आयोजन समिति (काशी महानगर दक्षिण) के संयोजक अधिवक्ता राजेश रंजन ने बताया कि स्वामी विवेकानन्द सार्द्धशती समारोह समिति ने वार्षिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज सूर्यनमस्कार यज्ञ का आयोजन किया गया।  उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए सूर्यनमस्कार जरूरी है। इस प्रकार के कार्यक्रम देश और समाज को जोड़ते हैं और समरसता का विस्तार होता है। पूरे विश्व में स्वामी विवेकानन्द ने हिन्दू धर्म का डंका बजाया था। उन्होंने समाज के सभी बन्धुओं का आह्वान करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानन्द से जुड़े सभी कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए।
काशी स्थिति महाराजा बनारस महिला महाविद्यालय रामनगर में स्वयं महारानी अनामिका कुवर उपस्थित होकर सूर्यनमस्कार के लिए प्रेरित किया । इस अवसर पर भूतपूर्व मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नरेन्द्र गुप्ता ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि सूर्यनमस्कार से तनाव दूर होगा और युवाओ मे आयु, बुद्धि, बल आद्रि गुणो का विकास होगा। राधाकिशोरी राजकीय बालिका इण्टर कालेज रामनगर में बालिकाओं ने सूर्य नमस्कार किया। आचार्य श्रीराम चतुर्वेदी डिग्री कालेज डुमरी रामनगर में युवाओं ने सामूहिक सूर्य नमस्कार कर दर्शको को रोमांचित कर दिया। दर्शकों ने हजारों कि संख्या मे विद्यार्थियों के एक साथ, एक लय में सूर्यनमस्कार करते हुए दृश्य को देख अभिभूत होकर कहा कि आज युवाओं को सूर्यनमस्कार की जरूरत है। 
सभी स्थानों पर वक्ताओं ने स्वामी विवेकानन्द के जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। स्वामी विवेकानन्द व भारतमाता के चित्रो पर पुष्पांजली, दीप प्रज्ज्वल के बाद मुख्य वक्ता का उद्बोधन, सूर्यनमस्कार का प्रदर्शन, अध्यक्षीय आशिर्वचन, ध्वजावतरण, आभार प्रकटीकरण, प्रसाद वितरण व शान्ति मन्त्र के साथ कार्यक्रम का समारोप हुआ।

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