19 Feb, महोबा :
ऊं भास्कराय नम: से चलते चलते जब आष्टांग योग के गुर सिखाने के बाद
प्रशिक्षक देश की संस्कृति का आधार ऊं सहनऊ भुनतु तक पहुंचे तो देश के
भविष्य के चेहरे एक अलग विशेष आभा से दमक रहे थे। स्वामी विवेकानंद
सार्धसदी वर्ष के रूप में मनाए जा रहे कार्यक्रमों की श्रंखला के अन्तर्गत
पूरे देश के साथ ही यहां पर भी सूर्य नमस्कार का कार्यक्रम हुआ। इस दौरान
छात्रों को स्वामी विवेकानंद के जीवन दर्शन के बारे में भी जानकारी दी गई।
शहर के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज व श्रीनगर
के स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल में स्वामी विवेकानंद सार्धसती वर्ष के
रूप में मनाए जा रहे कार्यक्रमों की अंतर्गत सूर्य नमस्कार किया गया।
विद्यालयों के बच्चों व शिक्षकों ने स्वामी विवेकानंद के आदर्शाे पर चलने
का संकल्प लिया। विद्या मंदिर के शिक्षक पं जगप्रसाद तिवारी ने कहा कि
विवेकानंद जी ने मात्र 42 वर्ष की आयु में ही पूरे देश में भारतीय संस्कृति
का डंका बजा दिया था। उन्होनें छात्रों को स्वामी जी के आदर्शो पर चलने का
संकल्प दिलाया। स्वामी विवेकानंद स्कूल में अनिल शुक्ला ने भी बच्चों को
स्वामी जी के बताए मार्गो पर चलने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान शिक्षक व
भारी संख्या में छात्र छात्राएं मौजूद रहे।
No comments:
Post a Comment
Thanking you for your Message.