19 Feb, पठानकोट
: स्वामी विवेकानंद की सोच थी कि जिस देश के युवा तंदरुस्त एवं शक्तिशाली
होंगे, उस देश को कोई भी दुनिया की ताकत हरा नहीं सकती है। इसके साथ ही वह
ऐसे भारत की कल्पना करते थे, जिसमें कोई भी व्यक्ति रोगी न हो और ऐसा तभी
संभव हो सकता है अगर देश के सभी नागरिक सुबह उठकर योगाभ्यास करें। यह बात
सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व प्रदेश प्रधान एवं भाजपा विधायक
अश्विनी शर्मा ने विद्यार्थियों को अपने संबोधन में कही।
सूर्य नमस्कार का कार्यक्रम सोमवार को पूरे भारतवर्ष
में आयोजित किया गया। इसी कड़ी के तहत स्वामी विवेकानंद 150वीं शार्धशती
समति की ओर से एसडी स्कूल की ग्राउंड में संरक्षक एवं आरएसएस के विभाग संघ
चालक अशोक महाजन की अध्यक्षता में सूर्य नमस्कार का कार्यक्रम आयोजित किया
गया।
इसकी शुरूआत विधायक अश्विनी शर्मा ने स्वामी
विवेकानंद जी के आगे पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्जवलित कर की। कार्यक्रम में
जिला पठानकोट के 40 स्कूलों के लगभग 4 हजार छात्र छात्राओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम के संरक्षक अशोक महाजन ने बताया कि सूर्य नमस्कार करने से हमें
सूर्यदेव से विशेष ऊर्जा मिलती है, जो हमारे शरीर को ऊर्जा देता है, ऐसा
करने से हमारे शरीर को विटामिन डी मिलता है, जो हमारे शहरी की हड्डियों के
लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके साथ ही इस प्रक्रिया से हमारे शरीर का
रक्त संचार एवं नेत्रों की रौशनी भी बढ़ती है। कार्यक्रम में स्कूली छात्र
छात्राओं ने सूर्य नमस्कार करने की प्रक्रिया को सीखा एवं प्रण किया कि वह
सुबह उठकर इस प्रक्रिया को जरूर करेंगे।
आरएसएस के विभाग संघ चालक अशोक महाजन, विभाग
कार्यवाह चंद्र शेखर ने विद्यार्थियों को सूर्य नमस्कार एवं स्वामी
विवेकानंद के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में समिति के
मृदुल पंकज, डीईओ प्राइमरी पवन कुमार, डीईओ एलीमेंटरी दीदार सिंह, जिला
प्लानिंग बोर्ड के चेयरमैन सतीश महाजन, अनिल वासुदेवा, राकेश शर्मा, आदेश
स्याल, नरेन्द्र काला, नीटू पुरी उपस्थित थे।
इसी तरह एसआरकेपी सीनियर सेकेंडरी स्कूल बुंगल में
भी सूर्य नमस्कार कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रिंसिपल सुरेश शर्मा की
अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में सीनियर अध्यापक केजी डोगरा ने
विद्यार्थियों को सूर्य नमस्कार के सात आसन करवाने की जानकारी दी। मौके पर
अध्यापिका सीमा शर्मा, सारिका गुप्ता, नीतिका, रेनू पठानिया, पूजा धीमान
आदि उपस्थित थे।
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