स्वामी विवेकानंद सार्धशती समारोह समिति दुर्ग
द्वारा आयोजित पं. रविशंकर स्टेडियम में समंत्र सामुहिक सूर्य नमस्कार में
40 शालाओं और 7 कॉलेजों के 5260 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया जिसमें
छात्र और छात्राओं की संख्या लगभग बराबर रही। ये कार्यक्रम दुर्ग के इतिहास
के पन्नों पर लिखा जाएगा क्योंकि पहली बार इतनी बड़ी संख्या में एक साथ
सूर्य नमस्कार किया गया है। इस अभिनव कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने पूरे
उत्साह के साथ भाग लिया। पहले से ही प्रशिक्षित प्रतिभागियों ने बहुत ही
अनुशासित रुप से 7 बार सूर्य नमस्कार किया। इस दौरान आसनों की अलग अलग बनने
वाली मुद्राओं से भी उन्हे परिचित कराया गया।
इस आयोजन के मुख्य अतिथि पुलिस विभाग के दुर्ग रेंज
के आईजी श्री अशोक जुनेजा ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि मानव संसाधन
ही किसी देश की उन्नति का सूचक होता है और जब देश का युवा मानव संसाधन
शारीरीक और मानसिक रुप से मजबूत होगा तभी वह आगे चलकर देश की बागडोर
संभालने में सक्षम हो सकता है। सूर्य नमस्कार का मूल उद्देश्य शारीरीक और
मानसिक ऊर्जा को सही दिशा में नियोजित करना है। उन्होने कहा कि इस आयोजन
में आए सभी प्रतिभागी सूर्य नमस्कार को अपनी दिनचर्या का अभिन्न अंग बनाए।
आयोजन में मुख्यवक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के
प्रांत सहशारीरीक प्रमुख पूर्णेन्द्र सिन्हा ने कहा कि इस आयोजन का
उद्देश्य मात्र सूर्य नमस्कार करना ही नही है बल्कि स्वामी विवेकानंद जी ने
जिस आचरण की अपेक्षा देश के युवाओं से की है उसे आत्मसात करना है। उन्होने
भारत के गौरवशाली इतिहास की ओर इंगित करते हुए कहा कि भारत ने विश्व को
सिर्फ दिया है, लिया कुछ भी नही है किन्तु मिथ्या बातों को प्रचारित करके
भारतीयों को भारत के वैभव से विस्मृत करने का षडयंत्र चल रहा था उस दौर में
स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुष ने जन्म लिया और पूरे विश्व में भारतीय
संस्कृति, सभ्यता और सनातन धर्म को लेकर भारत का पक्ष मजबूती से रखते हुए
देश का वैभव बढ़ाया। भारत की मौलिक विचारधारा किसी जाति, धर्म, वर्ग के
कल्याण की नही है बल्कि संपूर्ण विश्व कल्याण की है। योग के विषय में
उन्होने कहा कि योग का अर्थ है जोड़ अर्थात् जो शरीर, मन और आत्मा को एक
दूसरे से जोड़ता है वह योग है। सूर्य नमस्कार से शरीर, मन और आत्मा को
सुदृढ़ करके पूरे विश्व में भारत का जयकारा गूंजाने की दिशा में कार्य
करें।
मंच में विशिष्ट अतिथि के रुप में जिला शिक्षाधिकारी आशुतोष चावरे भी उपस्थित थे। स्वागत उद्बोधन स्वामी विवेकानंद सार्धशती समारोह
समिति नगर संयोजक संजय करकरे ने दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में
व्यवस्था प्रमुख सुरेन्द्र पाटनी, मीडिया प्रभारी राजेन्द्र पाध्ये, संदीप
ताम्रकार, दिनेश ताम्रकार, नरेन्द्र चंदेल लगातार सक्रिय रहे। आभार
प्रदर्शन सूर्य नमस्कार प्रशिक्षण समिति संयोजक डॉ. सतीश सेन ने किया,
कार्यक्रम का संचालन दिलेश्वर उमरे ने किया। सूर्य नमस्कार के बाद सनशाइन
स्कूल के विद्यार्थियों ने अलग अलग योगासनों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत में सरस्वती शिशु मंदिर के छात्रों ने देशभक्ति गीत
पर नृत्य व गायन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम स्थल पर महाराष्ट्र मंडल ने
सूर्य नमस्कार करने की पद्धति व इसके लाभ बताने वाला पाम्पलेट वितरित किया।
समाजसेवी केवल खत्री व भगत रतनानी ने कार्यक्रम के अंत में बच्चों को
बिस्कीट पैकेट तथा समाजसेवी अजय डांगे ने चाकलेट का वितरण किया। उपस्थित
विशिष्ट जनों में कांतीलाल बोथरा, सुरेन्द्र कौशिक, टीआई संजय देवस्थले,
रविशंकर ढीमर, राजीव अग्रवाल, सोबरन सिंह राठौर तथा शालाओं व महाविद्यालयों
के शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।
No comments:
Post a Comment
Thanking you for your Message.