Friday, April 5, 2013

गांव-गांव जाकर बच्चों को खेल से जोड़ेगी क्रीड़ा भारती


18 Feb, आगरा: खेल शहरों तक सीमित रह गए हैं। संगठन भी शहर में ही खिलाड़ियों का चयन कर लेते हैं। गांव व देहात में कोई नहीं जाता है, जबकि वहां प्रतिभा की भरमार है। गांव-गांव जाकर क्रीड़ा भारती के सदस्य बच्चों को खेल व मुख्यधारा से जोड़ेंगे, जिससे वह बुराइयों से दूर रहें।
सोमवार को होटल वैभव पैलेस में प्रेसवार्ता में उक्त जानकारी क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नारायण सिंह राणा ने दी। विख्यात शूटर जसपाल राणा के पिता व कोच नारायण सिंह ने राणा ने बताया कि टीवी, मोबाइल, इंटरनेट के युग में बच्चों का शारीरिक विकास रुक गया है। लक्ष्य नहीं होने से युवा भटक रहे हैं। माओवादी और नक्सली उन्हें बहका रहे हैं। युवा भटके नहीं, इसके लिए क्रीड़ा भारती गैर-विकसित ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों के विकास व प्रतिभाओं के उत्थान पर ध्यान देगा। खेलों के माध्यम से चरित्र निर्माण पर जोर दिया जाएगा। उन्हें कोच व सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद सार्धशती वर्ष के मौके पर सोमवार को देश में लगभग पांच करोड़ लोगों व बच्चों ने सूर्य नमस्कार किया है।
प्रेस वार्ता में संयोजक राजेश कुलश्रेष्ठ, सहसंयोजक नितिन गुप्ता, प्रांतीय महासचिव डॉ. सत्यदेव पचौरी, प्रांतीय सचिव हरीश चौधरी व अनिल श्रीवास्तव मौजूद रहे।

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