19 Feb, सासाराम : भारतीय संस्कृति में योग न केवल साधना के लिए अनिवार्य रहा है, बल्कि यह व्यक्ति को निरोग रख दीर्घायु प्रदान करता है। स्वामी विवेकानंद ने महज 39 वर्ष की आयु में विश्व के सभी धर्मो के बीच सनातन संस्कृति का परचम लहराया था। सूर्य नमस्कार को संपूर्ण योग मान उसे आवश्यक रूप से दिनचर्या में शामिल किए जाने पर बल दिया था। आज उनके सपनों को साकार करने की जवाबदेही समाज के हर तबके पर है। सोमवार को स्थानीय न्यू स्टेडियम फजलगंज में आयोजित सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक स्वांत रंजन ने यह कहा।
श्री रंजन ने कहा कि स्वामी विवेकानंद 150 वीं जयंती पर आयोजित सार्द्ध शती समारोह के तहत आज पूरे देश में सूर्य नमस्कार कार्यक्रम होना गौरव की बात है। अध्यक्षता कर रहे गणित विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. श्याम बिहारी पांडेय ने छात्रों को सूर्य नमस्कार के लाभ बताए।
प्रचारक राजेश पांडेय, मनोज जी, विभाग प्रचारक राणा प्रताप, नवल जी सहित कई ने अपने विचार व्यक्त किए। खेल पदाधिकारी संजय कुमार व खेल प्रशिक्षक विनय कुमार ने भी छात्रों को सूर्य नमस्कार के बारे में बताते हुए कहा कि इस क्रिया से न केवल शरीर निरोग रहता है, बल्कि मानसिक एकाग्रता व शारीरिक विकास भी होता है। कार्यक्रम का संचालन प्रो. बुद्धिनाथ प्रसाद ने किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन युवा आयाम के संयोजक राजेश्वर प्रसाद चौरसिया किया।
आयोजन समिति के संयोजक रविन्द्र पांडेय, सह संयोजक गंगेश्वर नाथ तिवारी, अतेंद्र कुमार सिंह, शरद चंद्र संतोष, प्रवीण कुमार दूबे, ग्रिजेश पांडेय, महेंद्र सिंह,अटल जी, शशि भूषण प्रसाद, नन्दू सिंह, राकेश कुमार सिंह, प्रमोद सिंह, भीष्म नारायण सिंह, रविशंकर, बिंदेश्वर पाठक, विकास, रींकी, अखिलेश, शैलेंद्र चौबे, महेन्द्र सिंह, संजीत चौबे सहित कई की भागीदारी रही। कार्यक्रम में प्रज्ञा निकेतन पब्लिक स्कूल, ज्ञान निकेतन, डीएवी स्कूल, एक्यूमिनस चिल्ड्रेन एकेडमी, ओरिएन्टल पब्लिक स्कूल, ईश्वर चंद्र विद्या सागर विद्यालय, बाल भारती पब्लिक स्कूल, सरस्वती शिशु मंदिर सहित कई विद्यालयों के सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
ref : http://www.jagran.com/bihar/rohtas-10145363.html
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