19 Feb, मऊ :
'ओम मित्राय नम:.., ओम सूर्याय नम: .., ओम रवये नम:..' आदि मंत्रों से
सोमवार की सुबह नगर पालिका कम्युनिटी हाल गूंज रहा था। आसपास के वातावरण
में आध्यात्मिक पवित्रता बिखरी हुई थी। सैकड़ों तरुण, युवा, वृद्ध एक साथ
सूर्य नमस्कार कर अपूर्व आंतरिक ऊर्जा और असीम शक्ति एवं आत्मिक शांति
ग्रहण कर रहे थे। स्वामी विवेकानंद सार्द्धशती वर्ष के उपलक्ष्य में
आयोजित इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि गोरखपुर विश्वविद्यालय में
सांख्यिकी विभाग की प्रो. उमा श्रीवास्तव ने कहा कि पवित्र आत्मा, स्वस्थ
शरीर वाले युवा ही स्वामी जी के स्वप्नों एवं आदर्शो के अनुकूल दृढ़
राष्ट्र का निर्माण करेंगे।
सामूहिक सूर्य नमस्कार के इस राष्ट्रव्यापी
कार्यक्रम में पूरे जिले से आए तरुणों, युवाओं और प्रौढ़ों को स्वामी जी के
आदर्शो और व्यक्तित्व से परिचित कराते हुए डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि सूर्य
नमस्कार एक साधना है। इसमें सभी आसनों का समन्वय है। इससे मिलने वाली वाली
अपूर्व ऊर्जा साधक को आत्मिक एवं शारीरिक शक्ति प्रदान करती है। साधक
आत्मा, विचारों एवं आचरण से शुद्ध होता है। सूर्य की ऊषाकालीन रश्मियों और
ऊष्मा को स्वयं में समाहित करते हुए तेजवान युवा साधक राष्ट्रनिर्माण में
अपना योगदान कर सकें। इसी निमित्त इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
स्वामी विवेकानंद महान साधक थे। भारतीय संस्कृति,
ज्ञान, दर्शन और आत्मिक ऊर्जा की पूरे विश्व में ध्वजा फहराकर उन्होंने
सनातन हिंदू धर्म की महिमा और गौरव को पुनस्र्थापित किया था। आज स्वामी जी
द्वारा दिए गए सामाजिक समरसता के संदेश को व्यवहार में लाने की जरूरत है।
तभी समाज मजबूत होगा और प्रत्येक व्यक्ति राष्ट्रनिर्माण में अपना योगदान
दे सकता है। उन्होंने सार्द्धशती वर्ष में होने वाले वर्ष भर के
कार्यक्रमों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।
विशिष्ट अतिथि राकेश राय ने कहा कि युवा पीढ़ी को
युवा सन्यासी स्वामी विवेकानंद के जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र एवं समाज
निर्माण में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। अध्यक्षीय उद्बोधन में जनता इंटर
कॉलेज रानीपुर के पूर्व प्रधानाचार्य प्रताप नारायण सिंह ने कहा कि स्वामी
विवेकानंद जी भारत ही नहीं, पूरे विश्व के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
कार्यक्रम में कई विद्यालयों के छात्रों के अतिरिक्त डॉ. शर्वेश पांडेय,
रामविलास चौबे, कैलाश वर्मा, अरिजीत सिंह, ओमप्रकाश राय, हौसला उपाध्याय,
सुशील राय, शिवाजी राय, रामकैलाश दुबे, विनय राय, योगेंद्रनाथ राय, श्रीराम
सोनकर, बुट्टा पांडेय, वीरेंद्र सिंह एडवोकेट, कौशल किशोर सिंह, आनंद
प्रताप सिंह, शिवकुमार पासी, दयाप्रकाश सिंह तोमर आदि उपस्थित थे।
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