19 Feb, नोएडा :
खुले मैदान में बने मंच। मंच पर खड़े कुछ बच्चे। आगे मैदान में बच्चों व
लोगों की भारी भीड़। मंच पर खड़े बच्चों ने आसन करना शुरू किया और मैदान में
खड़े बच्चे व लोगों ने उसी प्रकार आसन किया। पांच आसन के बाद सूर्य नमस्कार
का कार्यक्रम पूरा किया गया। यह नजारा सोमवार सुबह शहर में किसी एक जगह
नहीं, बल्कि चार जगहों पर देखने को मिला। सुबह आठ बजे स्वामी विवेकानंद
सार्धशती के मौके पर विवेकानंद सार्धशती समिति के तत्वावधान में कार्यक्रम
किया गया।
कार्यक्रम सेक्टर-12 स्थित भाऊराव देवरस सरस्वती
विद्या मंदिर, सेक्टर-43 स्थित स्टीलर ग्रीन के सामने पार्क,
सेक्टर-71बी-ब्लॉक पार्क में और सेक्टर-62 स्थित इंडस वैली पब्लिक स्कूल
में किया गया। सामूहिक सूर्य नमस्कार के लिए चारों स्थानों पर मैदान में
मंच बनाया गया। मंच पर 10-12 बच्चे खड़े थे। उन्होंने सूर्य नमस्कार के
पांचों आसन किए। सबसे पहले ताड़ आसन किया गया। इसके बाद पादहस्त आसन और फिर
वीरभद्र आसन किया गया। पर्वत आसन और अंत में आष्टांग नमस्कार आसन कर सूर्य
नमस्कार की प्रक्रिया को पूरा किया गया। बच्चों के साथ मैदान में खड़े लोगों
ने सूर्य नमस्कार के पांचों आसन किए।
सेक्टर-71 में प्रवीण पाठक ने विवेकानंद के जीवन से
जुड़ी काफी बातें बच्चों को बताई। डॉ. एके त्यागी ने सूर्य नमस्कार की
विशेषता व इसके लाभ के बारे में बच्चों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि
सूर्य नमस्कार के दौरान सूर्य का तेज ग्रहण किया जाता है। इससे शरीर की
नाड़ी की शक्ति बढ़ती है। शरीर का लचीलापन बढ़ता है, चेहरे पर तेज आता है और
स्मरणशक्ति बढ़ती है। सेक्टर 43 स्टेलर ग्रीन के सामने पार्क में ललित
कुमार ने वक्ता के रूप में स्वामी विवेकानंद के जीवन पर प्रकाश डाला और
वीएन शर्मा ने सूर्य नमस्कार के बारे में बताया।
भाऊराव देवरस सरस्वती विद्या मंदिर में प्रधानाचार्य
केशव शर्मा ने पहले स्वामी विवेकानंद के बारे में बच्चों को जानकारी दी और
इसके बाद सूर्य नमस्कार की विधि, विशेषता और इसके फायदों के साथ इससे जुड़े
इतिहास के बारे में बच्चों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सूर्य
नमस्कार भारतीय संस्कृति से बहुत पुराने समय से जुड़ा हुआ है। नियमित रूप से
सूर्य नमस्कार करने वाला व्यक्ति अपने स्वभाव की उग्रता से आध्यात्म की ओर
जाता है। तनाव को दूर रखने में भी सूर्य नमस्कार काफी कारगर है।
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