Tuesday, April 2, 2013

सात योग क्रियाओं का संगम है सूर्य नमस्कार



बांदा, 19 Feb : स्वामी विवेकानंद सार्धशती कार्यक्रम के अंतर्गत सोमवार को अभियान चलाकर सभी विद्यालयों में बच्चों को सूर्य नमस्कार करने के तरीके बताए गए। प्रशिक्षकों ने इससे होने वाले लाभ के साथ बच्चों को यह सीख दी कि इस आसन को नियमित करें इससे बुद्धि, विवेक बढ़ेगा और शरीर को ऊर्जा मिलेगी।
नवयुवक शक्तिशाली और मेधावी बनेगा तो देश का माथा ऊंचा होगा। स्वामी विवेकानंद जी की इसी सोच को लेकर शिक्षण संस्थाओं में प्रशिक्षकों ने पहुंचकर बच्चों को सूर्य नमस्कार सिखाया। सूर्य नमस्कार महायज्ञ में शहर के सरस्वती विद्या मंदिर, राजकीय इंटर कालेज, आदर्श बजरंग इंटर कालेज, डीएवी, सरस्वती ज्ञान मंदिर, चंदा देवी, राजा देवी, सरस्वती शिशु मंदिर, आदर्श शिक्षा निकेतन, नटराज म्यूजिक कालेज, ब्रम्हानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आदि के बच्चों ने भाग लिया। आचार्य नरेंद्र कुमार, सनद कुमार, जिला संघ चालक रमाशंकर जी, कमलेश श्रीवास्तव सहित एक दर्जन से अधिक प्रशिक्षकों ने विद्यालयों में पहुंचकर छात्र-छात्राओं को स्वामी विवेकानंद जी के आदर्शो को बताया। बबेरू अंप्र के अनुसार सरस्वती विद्या मंदिर के प्रांगण में कस्बे के सैकड़ों युवकों को सुबह नौ से 10 बजे तक सूर्य नमस्कार करने का प्रशिक्षण दिया गया। संयोजक नरेंद्र अवस्थी ने कहा कि सूर्य नमस्कार करने से व्यक्ति के अंदर ऊर्जा का संचार होता है। इस दौरान काशी प्रसाद मिश्र, आदित्य सिंह, हरीओम, मीनाक्षी साहू, विजय नारायन गर्ग, राजेश प्रजापति, अंबरीश तिवारी, राजेंद्र शर्मा, योगेंद्र सिंह, अशोक सिंह आदि उपस्थित रहे। अतर्रा, नरैनी, तिंदवारी, जसपुरा, चिल्ला अंप्र के अनुसार विद्यालयों में बच्चों ने सूर्य नमस्कार किया।
सूर्य नमस्कार के ये हैं फायदे
- सूर्य नमस्कार को योगासन का राजा कहा जाता है।
- नियमित बिना आहार लिए सूर्य नमस्कार करने से लंबाई बढ़ती है।
- एकाग्र शक्ति बढ़ती है।
- घुटनों में दर्द व पेट संबंधी बीमारियां दूर होती हैं।
- शरीर बलिष्ठ होता है। साथ ही ऊर्जा मिलने से स्फूर्ति रहती है।
समय व स्थान
- सूर्य नमस्कार खुले स्थान पर करना चाहिए।
- सूर्योदय के बाद बिना आहार लिए नियमित करना चाहिए।
- 13 मंत्रों के साथ यह योग करने से अध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है।

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