Wednesday, March 13, 2013

स्वामी विवेकानंद के विचारों को जीवन समर्पित: राजेंद्र देव


संवाद सहयोगी, सिरसा: स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रभावित होकर 63 वर्षीय स्वामी राजेंद्र देव ने अपने जीवन को स्वामी जी के विचारों को अपना जीवन समर्पित कर दिया। यह घोषणा राजेंद्र देव ने नेहरू पार्क में आयोजित कार्यक्रम में की।
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद की एक बात ने उनको सबसे ज्यादा प्रभावित किया 'देश हित के लिए मुझे हजार बार भी नर्क में जाना पड़े में तो तैयार हूं'।

मूल रूप से पानीपत के रहने वाले स्वामी राजेंद्र देव ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में बताया कि उन्होंने स्वामी विवेकानंद का काफी गहन अध्ययन किया है। उनके विचार मेरे जीवन के आदर्श बन गए। मैने अब निर्णय लिया है कि मैं अपने शेष जीवन में स्वामी विवेकानंद के विचारों का प्रचार करूंगा, क्योंकि आज लोगों के नैतिक मूल्यों में जो गिरावट आ रही है उनको स्वामी जी विचारों से ही उठाया जा सकता है। स्वामी जी ने लोगों को मानवता के प्रति अपने धर्म का निर्वहन करने के लिए प्रेरित किया था। आज देश में जो हालात बनते जा रहे है ऐसे में स्वामी जी के विचार ही ढाल बनकर उनको रोक सकते है, अन्यथा हमारी संस्कृति खतरे में पड़ जाएगी और लोग पथ भ्रमित हो जाएंगे। स्वामी राजेंद्र देव ने एमए इतिहास व राजनीति शास्त्र में पास करने के बाद एलएलबी पास की लेकिन उनका मन नौकर या व्यापारी बनने में नहीं लगा। इसके बाद इन्होंने अध्यात्म के क्षेत्र का गहन अध्ययन किया और चार धार्मिक पुस्तकें लिखी। उन्होंने बताया कि अब शीघ्र ही सिरसा से यात्रा आरभ करेगे और प्रदेश के प्रत्येक गाव में जाकर स्वामी विवेकानंद के विचारों का प्रचार करेगे। आज के दौर में लोगों में राष्ट्रीय चरित्र निर्माण को लेकर स्वामी जी के विचार और भी प्रासंगिक हो गए है। स्वामी विवेकानंद सार्ध शती समारोह समिति द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राजेंद्र देव एक माह तक जिला के विभिन्न गावों में गए और लोगों को स्वामी जी के विचारों से अवगत करवाया। उन्होंने कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित होकर स्वामी विवेकानंद के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।

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