सोमवार, 18 फरवरी 2013 नई दिल्ली। हिन्दुस्तान के कई राज्यों में सोमवार से हजारों बच्चों को एक साथ सूर्य नमस्कार करते हुए देखा जा सकेगा, लेकिन बिहार में नहीं। इस सूर्य नमस्कार में स्कूली बच्चे हिस्सा लेंगे तो कई सामाजिक और आध्यात्मिक संगठनों से जुड़े लोग भी हजारों की संख्या में एक साथ सूर्य को सर्वश्रेष्ठ योगासन के जरिए नमस्कार करते हुए दिखाई देंगे।
पूरे हिन्दुस्तान में ये विशेष आयोजन स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के मौके पर हो रहा है। स्वामी विवेकानंद ने योग और ध्यान सात संमंदर पार पश्चिमी मुल्कों तक भी पहुंचाया था।
लेकिन बिहार सरकार ने स्कूलों में सूर्य नमस्कार को वैकल्पिक बना दिया है। सोमवार को बिहार के सभी जिलों में चौथी से सातवीं कक्षा तक के स्कूली बच्चों को सूर्य नमस्कार करना है।
लेकिन मुस्लिम संगठन सूर्य नमस्कार को जरूरी बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं। अब बिहार सरकार ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को नया सर्कुलर जारी किया है। जिसके तहत इसे वैकल्पिक कर दिया गया है।
इमारत-ए-शरिया के सचिव मौलाना अनिसुर्रहमान कासमी का कहना है कि स्कूलों में सेकुलर शिक्षा दी जाती है और इसमें किसी धार्मिक चीज को नहीं लाना चाहिए। बकौल अनिसुर्रहमान सरकारी स्कूलों में किसी भी मौके पर सूर्य नमस्कार को लाजमी करार देना गलत है।
हालांकि, अब सरकार के जरिए इसे वैकल्पिक करने के फैसले का स्वागत किया है। इसके साथ ही जेडीयू सांसद अली अनवर ने कहा कि सरकार किसी दबाव में नहीं है और अब सरकार ने इसे वैकल्पिक कर दिया है इसलिए इस पर हो-हल्ला करना गलत है।
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